चले गए तुम जहाँ
सुना है वहां ...
असीम शांति ,
सुख न दुःख है जहाँभय - चिंता ,
मन, बुधि -चित नहीं है जहाँचिरमय शाश्वत स्थायित्व है वहांभेद - गंध
अपना - पराया
रूप -रंग नहीं है जहाँ
अच्छा बतलाओ तो
कौन दिशा है
कौन जगह है
जाना है सब को ,
मानते नहीं जिसको
जानते नहीं जिसको
अनजानी-अनदेखी ,
नित्य और निश्चित मंजिल को
पाना है सबको ,
जाना है सबको
अच्छा बतलाओ तो
क्या वहां भी दीवारे हैदेश , धर्म, जाती की ,क्या वहां भी प्रेम, नफरत,का बंधन है
क्या वहां भी इन्सां- इन्सां के दुश्मन बन जाते है ....
अच्छा बतलाओ तो
यादों की जंजीरे छोड़देश जहां तुम चले गएलौट वहा से
कौन - कभी
क्या आया हैक्या तुम से ही थी भीड़ यहाँ ,
जो सन्नाटा सा छाया हैचित सब का डूब गया हैख़ामोशी गहराई हैकितनी यादे ,
कितने लोगफिर भी वीरानी छाई है
सूख गए है शब्द अचानक
आंखे सबकी पथराई है
अच्छा बतलाओ तो
कौन देश है,कहाँ गए ,क्या याद तुम्हे हम आते है
या पल में ही सारे रिश्ते,
सारे बन्द्धन खुल जाते है
Ma'am I loved this write up. So much of feelings, emotions and expressive words. I am mesmerised with your writing.
ReplyDeleteAwsum mam
ReplyDeletewonderfullllllllllllllll mam
ReplyDeleteReading very late, but it's wonderful. We don't proud himself bcoz one day we left this lovely world.
ReplyDeleteNice poem maim, a great philosophy.
ReplyDeleteKAYA BAAT HAI ..THODI SI KHUSBU HAI GEETA KI ................
ReplyDeleteशानदार मैम
ReplyDeletePerfect blend of emotions and philosophy
ReplyDeleteअध्यात्म और यथार्थ का चित्रण किया है मैम आपने मैं भी अक्सर इन प्रश्नों से दो चार होता हूं.... शुक्रिया
ReplyDeleteIn-depth with feelings a d pure thought social reality mam
ReplyDeleteThanks all
ReplyDelete